श्रीराम सेतु अभियान (भारत)

"धर्म"

 क्या है धर्म ?
 धर्म किसे कहते हैं?

 क्या ये कोई चीज है?
 या फिर कोई विश्वास है?

या तो फिर ये वो आस्था है की जिसके पीछे इंसान अपनी पूरी जिंदगी गुजार देता है. जिसके लिए इंसान हंसते-हंसते मौत को भी गले लगा लेता है।

बहुत सोचने के बाद, जीवन के हर पल और जीवन के सभी अच्छे बुरे अनुभवों को याद करने के बाद एक बात तो तय हो ही गई की,
धर्म का अर्थ है मैं स्वयं।

 मैं जो स्वीकार करूंगा वही कहलाएगा धर्म।
 मैं जिसका समर्थन करूंगा वही कहलाएगा धर्म।
 जिसे मैं मान्यता दूंगा वही कहलाएगा धर्म।

धर्म हमारे शरीर में मौजूद सांस के अलावा और कुछ नहीं है।  धर्म का अर्थ है मैं, हम यह सारा संसार।  धर्म का अर्थ है यह संपूर्ण सृष्टि जो कई अनंत कल्पो से निरंतर चलती आ रही है।  धर्म के बिना इस संपूर्ण सृष्टि की कल्पना करना भी असंभव है।

 धर्म का अर्थ है शाश्वत सत्य।
 धर्म का अर्थ है महादेव।
 धर्म का अर्थ है नारायण।
 धर्म का अर्थ है ब्रह्म।

हमे मानव जीवन मिला, और इस जीवन के ऋण से हम कैसे मुक्त हों?

हम ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे हम परमपिता परमेश्वर को हमें यह मानव जीवन देने के लिए धन्यवाद कर सकें?

इस मानव जीवन देने का ऋण उतारने की शक्ति तो शायद दानवीर कर्ण में भी नहीं थी।

इस जीवन में कृतज्ञता का सबसे सरल, सबसे सुंदर और सर्वोत्तम कार्य यदि कोई है तो वह है धर्म।

और इस जीवन को सार्थक बनाने का सबसे सरल उपाय है श्री राम सेतु निर्माण। श्री राम सेतु बंधन। श्री राम सेतु अभियान।

आइये मित्रो, हम सब मिलकर श्री राम सेतु निर्माण के माध्यम से इस संपूर्ण सृष्टि के प्राणियों को सत्य सनातन सेतु से जोड़े और सत्य सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करें. इस पृथ्वी को इस धरा को सृष्टि में रहने के लिए सबसे सुंदर और सर्वोत्तम ग्रह बनाएं।  आइए हम सभी समरसता के माध्यम से प्रत्येक प्राणी को समान अधिकार दें।  आइए सभी का सम्मान करें।  आइए हम हमारे भूले हुए भटके हुए भाई-बहनों को घर वापसी करने का मार्ग सरल, सुंदर और आसान बनाएं।

जीवन बहुत सीमित है, इसे बर्बाद मत करो।
जीवन बहुत अनमोल है, इसे गलत कामों में बर्बाद न होने दें।

जिन पहाड़ को पैदल पार किया जा सकता है, उन्हें उठाकर दर दर भटकने की जरूरत नहीं है साथियों.

आइये दोस्तों हम सब मिलकर श्री राम सेतु का निर्माण करें।
आओ मित्रो, हम सब मिलकर श्री राम प्रभु की महिमा को विश्व में कण कण तक, जहा जहा जीवन है वहा तक, प्रत्येक मनुष्य तक प्रत्येक जीव के घर तक फैलाएं।

यतो धर्मस्ततो जय:

हिन्द केसरी सेना
(कच्छ विभाग)